
शिक्षा क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार केरल ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। देश में पढ़ाई में नंबर वन राज्य ने सभी सरकारी स्कूलों को पूरी तरह डिजिटल (Fully Digital) करने की घोषणा कर दी है।

केरल की पी विजयन की सरकार ने डिजिटल पढ़ाई के लिए राज्य के 4,752 सेकेंडरी स्कूलों के 45 हजार क्लासरूम को अपग्रेड करके उसे पूरी तरह डिजिटल बना दिया है। इसी तरह 11,275 प्राइमरी स्कूलों को अत्याधुनिक लैब सुविधायों से लैस किया गया है।
जैसे-जैसे तकनीक और वक्त बदल रहा है, पढ़ाई करने और कराने के तरीके में भी बदलाव आ रहा है। स्लेट पेंसिल से पढ़ाई का दौर पीछे छूट चुका है का यों कहें कि लगभग खत्म होने को है। स्मार्ट क्लास अब वक्त की जरूरत बन रही है।
ब्लैकबोर्ड का वक्त भी खत्म होता जा रहा है। अब बच्चों को ऑडियो वीडियो माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। क्लास में कंप्यूटर, वेबकैम, प्रोजेक्टर के जरिए पढ़ाई हो रही है। कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है। ऐसे में केरल सरकार का यह कदम आने वाले वक्त में देश के कई अन्य राज्यों में लागू होते देखा जा सकता है।

राज्य सरकार ने इस योजना की शुरुआत 21 जनवरी 2018 को की थी। स्मार्ट क्लारूमस के लिए राज्य के 16,027 स्कूलों में 3.74 लाख डिजिटिल उपकरण दिए गए हैं। पहले चरण में राज्य के हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल के 8-12वीं तक के छात्रों के लिए 45 हजार हाई टेक क्लासरूम तैयार हैं। यहीं नहीं, कक्षा 1-7 तक के बच्चों के लिए 11,275 प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में हाई टेक लैब तैयार कर दिए गए हैं।
केरल देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां प्राथमिक शिक्षा में 100 फीसदी साक्षरता हासिल है। 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य में कुल 93.91 फीसदी लोग साक्षर हैं। राज्य में ज्यादातर स्कूल और कॉलेज राज्य सरकार द्वारा संचालित किए जाते हैं।

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